एक सौदा अब मर्यादा का भी -------- ।
हम भूल गए हैं ज़िम्मेदारी
बात गई है ठेके पर
शयन भूमि पर सौदा सच्चा
खाट गई है ठेके पर -
खोदो कुआं राह मिलेगी
बाट गई है ठेके पर -
हँसना भी ठेके पर हो
रात गई है ठेके पर
दूल्हा दुल्हन की खैर करो
बारात गई है ठेके पर -
सूना चूल्हा खाली बटलोई
परात गई है ठेके पर
गौरव मर्यादा की बात पुरानी
सौगात गई है ठेके पर -
कम पड़ते हैं कर आय अंश
इमदाद गई है ठेके पर -
आँखों का पानी मरता
लाज गई है ठेके पर -
कैसे मंजिल जा दस्तक देंगे
लात गई है ठेके पर -
अक्षम होते तंत्र हमारे
अब बात गई है ठेके पर -
उदय वीर सिंह