मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017

कागजी ख़यालों में

आया बसंत सिर्फ कागजी ख़यालों में
उजड़े हैं बाग वन खेत हैं सवालों में -
खोया है पीत रंग लाल सूही मंजरी
चिना है अनंग कहीं जैसे दीवालों में -
काली है बदली संग पानी भी काला है 
मधु रस मदन अब रह गए मिसालों में -
उदय वीर सिंह

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