शनिवार, 5 नवंबर 2016

रिश्ते बदल गए -

दामन में मिले अंगारे 
हर ख्वाब जल गए 
हर चेहरे हुये बेगाने 
रिश्ते बदल गए -
कहीं सुननी पड़े  न आरजू 
पीछे से निकल गये -
हाथों के रहे गुलाब कल 
पैरों से मसल गए - 
अभी रात बहुत थी बाकी 
तारे चाँद ढल गए -

उदय वीर सिंह 




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