बुधवार, 14 सितंबर 2016

हिंदी , हृदय की भाषा है .....

*** नमन हिंदी को ,हिंदी वालों को ,हिंदी साधकों को
शून्य - काल का प्रश्न नहीं 
नहीं झील का यह प्रवाल
विस्तृत सागर का अंतस्थल
संस्कृतियों का उन्नत भाल-
हिंदी , हृदय की भाषा है
परिभाषा प्रखर अंतर्मन की
निखिल - विश्व का स्वर बने
ध्वजवाहक इसके दिगंत काल-
उदय वीर सिंह

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