गुरुवार, 7 जुलाई 2016

ईद बनती है -

अमनपसंदों ,हकपसंदों नेकबंदों को ईद बनती है
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हमें महब्बत है इंसान से
हिन्दू या मुसलमान से नहीं- 
अमन की बयार भाईचारगी से
आतंक जुल्मो फरमान से नहीं -
हर लबों पर हो खुशी, गाए दिल
जींद फर्ज में बसर हो अहसान से नहीं -
वीर न मिले मसर्रतों की सौगात
जो बख्सना नेमतें कम ईमान से नहीं -
दिल वालों को ईद बनती है -
उदय वीर सिंह

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