उन्नयन (UNNAYANA)
शनिवार, 28 मई 2016
वीर गाओ सुमंगल गीत
वीर गाओ सुमंगल गीत
शोकगीतों को छोड़कर
मुक्त मानस को होना है
बिषम कारा को तोड़कर
नवीनता का उन्नयन सद्द्ग्राह्य लगता है
पर अभिशप्त होना है
लोकगीतों को छोड़कर
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जीवन की पौडियां हैं सुख दुख के नाम से
निराशा ही व्याधियाँ हैं
प्रेमगीतों को छोड़कर
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