वो पल नहीं आए -
उनकी पेशानियों पर बल नहीं आए
जिसकी प्रतीक्षा थी वो कल नहीं आए,
दरख्त सूख रहे दरकार थी पानी की
कागजी डालों पर फूल फल नहीं आए -
***
कीचड़ से भर गई झील सड़ांध आती है
मधुप तो आ गए, पर कमल नहीं आए ,
हँसेगा जीवन खुशी का सावन बरसेगा
ऋतु पावस आई , पर बादल नहीं आए -
***
जय घोष में दब गयी वेदन भरी चीखें
बचाने लाज अबला की मोहन नहीं आए
लिखा जाएगा भाग्य अभिशप्तों का भी
बीते युग पर कभी वो पल नहीं आए -
उदय वीर सिंह
उनकी पेशानियों पर बल नहीं आए
जिसकी प्रतीक्षा थी वो कल नहीं आए,
दरख्त सूख रहे दरकार थी पानी की
कागजी डालों पर फूल फल नहीं आए -
***
कीचड़ से भर गई झील सड़ांध आती है
मधुप तो आ गए, पर कमल नहीं आए ,
हँसेगा जीवन खुशी का सावन बरसेगा
ऋतु पावस आई , पर बादल नहीं आए -
***
जय घोष में दब गयी वेदन भरी चीखें
बचाने लाज अबला की मोहन नहीं आए
लिखा जाएगा भाग्य अभिशप्तों का भी
बीते युग पर कभी वो पल नहीं आए -
उदय वीर सिंह
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