सोच अतीत का यश वैभव आरत मन होता है - परिदृश्य आज का देख आहत मन होता है - दुरभि संधियों का पढ़ प्रलेख विक्षत मन होता है - काँटों के सिंचन से कितना चिंतित मन होता है - किसको गले लगाया सोच विकृत मन होता है - प्रज्वलित शिखा में भष्म शेष घर किसका आँगन होता है -
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