शनिवार, 18 जुलाई 2015

मंदा समाजशास्त्र प्रखर गणित .

Udaya Veer Singh's photo.रस्म कुछ कहना है कह लेते हैं
मजबूर हैं के सितम सह लेते हैं -

दिल की ख्वाहिसें कुछ और हैं
जिधर हवा का रुख बह लेते हैं -

चोट जाहिर नहीं है दर्द बेइंतिहा.
कम हो कि करवट बदल लेते हैं -

देख मासूम मायूस बीबी माँ बाप
बेगुनाह भी गुनाह कबूल लेते हैं -

मंदा समाजशास्त्र प्रखर गणित
कर्ज से पहले व्याज वसूल लेते हैं -

कुछ इस तरह वफा मर रही है कि
रोटियों के लिए जिगर बदल लेते है -

उदय वीर सिंह

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