बुधवार, 25 मार्च 2015

भूखा बालक सो जाता है -

बुत की करते प्राण प्रतिष्ठा
एक जीवन बुत हो जाता है -
श्वानों का स्वास्थ्य परीक्षण है,
मानव जीवन कुम्हलाता है -
धार दूध की नदनालों में
भूखा बालक सो जाता है -
वसन नहीं बेबस तन नंगा 
शर्माता तन को छिपाता है -
लाचारी में एक बाला नंगी है
एक बाला का शौक निराला है -
बिन रोटी आँतें सुख गईं
एक रोटी से कतराता है -
एक हाथ अनेकों मांग भरे
एक वैधव्य लिए मिट जाता है -
एक सोने की सेज उनींदा है
एक काँटों पर सो जाता है -

उदय वीर सिंह
       


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