बुत की करते प्राण प्रतिष्ठा
श्वानों का स्वास्थ्य परीक्षण है,
मानव जीवन कुम्हलाता है -
धार दूध की नद- नालों में
भूखा बालक सो जाता है -
वसन नहीं बेबस तन नंगा
शर्माता तन को छिपाता है -
लाचारी में एक बाला नंगी है
एक बाला का शौक निराला है -
बिन रोटी आँतें सुख गईं
एक रोटी से कतराता है -
एक हाथ अनेकों मांग भरे
एक वैधव्य लिए मिट जाता है -
एक सोने की सेज उनींदा है
एक काँटों पर सो जाता है -
उदय वीर सिंह
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