कल ईमान के बिकने की खबर थी
आज बेईमान के बिकने की खबर आई है -
आज बेईमान के बिकने की खबर आई है -
बिका था ईमान टूटती साँसों के लिए
बेईमान ने नयी हवेली की चाभी पायी है -
दर दर की ठोकरों ने ईमान को सोने न दिया ,
फूलों की सेज बेईमान को नींद आई है -
पद और प्रतिष्ठा में ईमान पीछे रह गया ,
बेईमान ने सदाचारश्री की पद्द्वि पाई है -
बिकते वक्त ईमान के पाँव डगमगाये थे ,
बेईमान की ड्योढ़ी पर खुशी छाई है -
मातम था चेहरे पर आखिर जी न पाया ,
ईनाम बेईमान ने ,ईमान ने सजा पाई है -
उदय वीर सिंह
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