जब तक किसी के आंसू
किसी की ख़ुशी के सबब होंगे -
चाटुकार तो रहेंगे अदब में
गैरतमंद हमेशा बे-अदब होंगे -
जब लिखी जाएगी ख़ुदक़शी,
किसी वतनपरस्त की कुर्बानी
यकीनन मौकापरस्तों की शान
गद्दारों के कायम हरम होंगे-
साबित हो जायेगा तेरा जूनून वाजिब
और तेरी जिद का चिराग भी जले ,
तूफां देगा न एक पल भी संभलने को
सैलाबों में न तुम होगे न हम होंगे -
- उदय वीर सिंह
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