उन्नयन (UNNAYANA)
मंगलवार, 1 जुलाई 2014
हनीमून बाकी रह गया -
पी गए नदी झीलों के नीर कुछ लोग
पिने को खून बाकी रह गया -
एक हाथ में सूरज एक में चाँद देने का
जूनून बाकी रह गया -
कहा तो बहुत कुछ, कुछ अनकहा
मजमून बाकी रह गया -
अफ़सोस कसम खा ली सरहदी शहादत की
हनीमून बाकी रह गया -
- उदय वीर सिंह
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें