कानों में क्रंदन स्वर क्यों हैं
- उदय वीर सिंह
क्या गीत , प्रेम के गुम हुए -
वीभत्स शब्द हैं अधर सजे
क्या मधु स्वर व्यंजन कम हुए -
क्या संध्या, प्रभात की सन्धियां
अशक्त टूट कर बिखर गयीं
या अचला अम्बर के अनुबंध बंध
ढीले हुए या अति अक्षम हुए -
अधरों पर हाला , हस्त , शस्त्र
आतंक नियामक विष वमन
विद्वेष दुराग्रह मानस मलीन
पथ मानवता के अर्पण हुए
- उदय वीर सिंह
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