रविवार, 17 नवंबर 2013

भारत - रत्न.

सितारों  से  आगे   की  बातें  बहुत हैं ,
अभी   तो  घरौंदा  जमीं  पर बना दो-
 
बह  रहा है लहू आज  तक जिस्म से 
सपूतों के जख्मों पर मरहम लगा दो -

लुटाता वतन  अपने सीने की उल्फत  
राष्ट्र भक्तों के जीवन का जज्बा बता दो -

सूख जायेगी जो राष्ट्र भक्तों कि सरिता ,
छोड़   जायेंगे   सौदाई  पंछी  बता दो -

भारत - रत्न  , सिर्फ  सेवादारों   का है 
तनख्वाहियों को उनका माजी पढ़ा दो -

                                       उदय वीर सिंह 

[ref..यह सब Sachin R. Tendulkar vs. Assistant Commissioner of Income-tax, Range 193/ IT APPEAL NOS. 428 TO 430 AND 6862 (MUM.) OF 2008 के आधिकारिक दस्तावेज़ में दर्ज़ है। तो इन भाई सा’ब को खेल के लिए कोई सम्मान कैसे दे सकती है सरकार? जब वह खुद कह रहे हों कि he is a popular model who acts in various commercials for endorsing products of various companies… A major part of the income derived by him during the year is from the exercise of his profession as an ‘actor’ in these commercials... the income derived by him from ‘acting’ has been reflected as income from “business & profession”!!
और तो और, न्यायालय मे दिए शपथपत्र (जो अब इनकी नाक की नकेल बन जाएगा) मे ये लोग चीख चीख कर कहते कि हम तो भारत काप्रतिनिधित्व ही नही करते, ना ही हम सरकार से जुड़े है, हम तो सिर्फ़ एक क्लब है जहाँ कुछ खिलाड़ी हमारे कर्मचारी है, और अपने कर्मचारियों को खेलने के लिए हम विदेशों मे भेजते है। ना तो हम भारत मे क्रिकेट के सरोकार से जुड़े है और ना ही हम खेल मंत्रालय के अधीन है। पूरा शपथ पत्र अगर आप पढे तो आप इनकी महानता के गुण गाने लग पड़ो।
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