शनिवार, 14 सितंबर 2013

और भी बहुत कुछ....

आज    का  समाचार
संपादकीय  सुविचार
और  भी  बहुत  कुछ
पढ़ा  लिया  तो   ठीक ,
न पढ़ा  तो अच्छा  है -

गुरु   ने    शिष्या  से
बाप  ने   बिटिया से
सहोदर    ने  अनुजा
संत   ने   श्रद्धालु  से-

तोड़ दी मर्यादा आचार -

बाबा   की     ठगहारी
शिक्षक शुद्ध व्यापारी
कामी   बना    मुरारी
दानी    बना  भिखारी-

खून से रंगा अखबार -

अभिनेत्री     को    गर्भ
अभनेता     को     शर्द
नेता   को    हुआ   दर्द
नामर्द   बना    हमदर्द-

मुखवाक  छपा चमत्कार -

कुत्ते    की    गुमशुदगी
स्वर्ग     की    सीढियाँ
रावन    का    रनिवास
भूतों     की    ड्योढ़ीयां -

का वर्णन , दर्शन साभार -

चपरासी  धन    लखपती
बाबू   मिला   करोडपति
अधिकारी का अकूत वैभव
लोक -सेवक   अरबपति -

न्यायमूर्ति का काला बाजार-

हरिया और  पूत  मरे भूखे 
गोदामों   में   सडा    अन्न 
आत्महत्या   करे   कृषक
मजदूर रोये व्याधि विपन्न-

सुरा सुंदरी से सज्जित डांस बार -


                          [मेरी एक कविता  का अंश.…. ]

                                         -उदय वीर सिंह  











1 टिप्पणी:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

किस हित चलता चक्र देश का,
सब विशिष्ट को, रक्त शेष का।