रविवार, 3 मार्च 2013

बनाता ही क्यूँ है .


















बनाता ही क्यूँ है .
***
वो  अंधेरों  के  चिराग बुझाता  ही क्यों है
ख़ुदा , खुद   किस्मत   बनता  ही क्यों है -.


करते  हैं  पाबोसी ,सिजदा  तेरे  दर  का
मुहताज किसी और का बनाता ही क्यूँ है  


माना किसी सल्तनत के वारिस हम नहीं   
मुफलिसी   का  रास्ता  बनाता  ही क्यूँ है - 

क्यों   अंधेरगर्दी  है  तेरी रियासत  में रब
किसी  मासूम  को यतीम  बनाता क्यूँ  है -

जो नींद के लिए काफी है संगदिल सीढियाँ
तो  मखमली  सेज  को सजाता  ही क्यूँ है-

                                        -   उदय वीर सिंह     



      






12 टिप्‍पणियां:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

माना किसी सल्तनत के वारिस हम नहीं
मुफलिसी का रास्ता बनाता ही क्यूँ है -

बहुत उम्दा भावपूर्ण गजल,,,

RECENT POST: पिता.

रविकर ने कहा…

मार्मिक है आदरणीय-
हर शेर उम्दा है

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

प्रश्न कड़वे, नहीं उत्तर..

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

जो नींद के लिए काफी है संगदिल सीढियाँ
तो मखमली सेज को सजाता ही क्यूँ है

मार्मिक अत्यंत मार्मिक और दिल को छूते हुए सवाल | जवाब ढूँढना ज़रा मुश्किल है |


कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

वाह!
आपकी यह प्रविष्टि कल दिनांक 04-03-2013 को सोमवारीय चर्चा : चर्चामंच-1173 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

kuldeep thakur ने कहा…

आप की ये खूबसूरत रचना शुकरवार यानी 8 मार्च की नई पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है...
आप भी इस हलचल में आकर इस की शोभा पढ़ाएं।
भूलना मत

htp://www.nayi-purani-halchal.blogspot.com
इस संदर्भ में आप के सुझावों का स्वागत है।

सूचनार्थ।

kuldeep thakur ने कहा…

आप की ये खूबसूरत रचना शुकरवार यानी 8 मार्च की नई पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है...
आप भी इस हलचल में आकर इस की शोभा पढ़ाएं।
भूलना मत

htp://www.nayi-purani-halchal.blogspot.com
इस संदर्भ में आप के सुझावों का स्वागत है।

सूचनार्थ।

अज़ीज़ जौनपुरी ने कहा…

सवालों को पूँछती बेहतरीन रचना ,खैर ज़वाब मिलना तो
मुश्किल है

सदा ने कहा…

भावमय करते शब्‍द ... मार्मिक प्रस्‍तुति

आभार

Dinesh pareek ने कहा…

बहुत खूब सुन्दर लाजबाब अभिव्यक्ति।।।।।।

मेरी नई रचना
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
पृथिवी (कौन सुनेगा मेरा दर्द ) ?

ये कैसी मोहब्बत है

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बेहद मार्मिक रचना...

Smart Indian ने कहा…

एक टीस सी उठती है ...