हृदय में , वेदनाओं का ,
काफ़िला न मिले-
प्रीत के पांव में, काँटों का
सिलसिला न मिले-
***
विरह हो , प्रेम की मंजिल ,
तो रास्ता न मिले
राम, सीता को, लक्षमण को
उर्मिला न मिले-
***
दर्द ,जब त्याग, बन जाये ,
इंसाफ की गलियां
हीर, को राँझा , मजनू
को लैला न मिले -
***
अभिमान की ताजपोशी में ,
इन्सान क़त्ल हो ,
वो शिक्षालय बंद कर दो ,
दाखिला न मिले-
***
शर्त , सीमा में , प्रीत ,
बाँधी जो गयी ,
कृष्ण,सुदामा को, कान्हा को
राधिका न मिले-
***
रुनझुन पायल के खनकने
का मौसम आये -
आग जो धुप से बरसे , मेघ
का आँचल पाए -
***
महफूज हैं हम तन्हा
इबादत की राह में,
आगाज रोशनी है ,
अंधेरों को , आसरा न मिले-
***
देखता है संस्कारों को
एक विकार की तरह
मदहोश को मधुशाला ,लबों
को हाला न मिले
***
आँखों में देख , दिल की ,
गहराईयाँ कह रही हैं-
जोड़ लेना, इनको प्रीत से
फासला न मिले-
***
उदय वीर सिंह
27-07-2012
काफ़िला न मिले-
प्रीत के पांव में, काँटों का
सिलसिला न मिले-
***
विरह हो , प्रेम की मंजिल ,
तो रास्ता न मिले
राम, सीता को, लक्षमण को
उर्मिला न मिले-
***
दर्द ,जब त्याग, बन जाये ,
इंसाफ की गलियां
हीर, को राँझा , मजनू
को लैला न मिले -
***
अभिमान की ताजपोशी में ,
इन्सान क़त्ल हो ,
वो शिक्षालय बंद कर दो ,
दाखिला न मिले-
***
शर्त , सीमा में , प्रीत ,
बाँधी जो गयी ,
कृष्ण,सुदामा को, कान्हा को
राधिका न मिले-
***
रुनझुन पायल के खनकने
का मौसम आये -
आग जो धुप से बरसे , मेघ
का आँचल पाए -
***
महफूज हैं हम तन्हा
इबादत की राह में,
आगाज रोशनी है ,
अंधेरों को , आसरा न मिले-
***
देखता है संस्कारों को
एक विकार की तरह
मदहोश को मधुशाला ,लबों
को हाला न मिले
***
आँखों में देख , दिल की ,
गहराईयाँ कह रही हैं-
जोड़ लेना, इनको प्रीत से
फासला न मिले-
***
उदय वीर सिंह
27-07-2012