गुरुवार, 8 मार्च 2012

रंग वालों ने

रंग   वालों  ने फूलों से रंगदारी  मांग ली ,
खुशबू  समेटे कलियों से उधारी मांग ली -


      मिश्री घुली फिजां में महकने लगी हैं गलियां ,
      आहट बसन्त आया ,सँवरने लगी है  डलियाँ -
      रस  झरने  लगे है कानन कोयल भी ताल में 
      धानी चुनर में सज  निखरने  लगी है धनियाँ -


नवोढ़ा ने अपने आँचल में अंगारी मांग ली-


     बौरा गयी है अमियाँ ,महुआ भी रस  भरा है 
      मद- मस्त  वल्लरी  है , अनंग  साथ आया -
     यौवन   पूरे  सबाब   पर, सृष्टि   विहंस   रही ,
     संगीत की समां है ,जड़ चेतन में प्यार आया-


खुशियाँ  संभाले  कैसे ,पिटारी  मांग  ली-


      सरसों की पीली रंगत ,लाली  गुलाब   की ,
      सुर्ख होठों ने छीन ली है,आभा पलास  की ,
      आँचल  में मोगरा ,श्यामला  की रश्मियाँ ,
      सौंदर्य की है  सारी ,अलंकारों  समास  की-


बावरी सी बहकी अंखियाँ, खुमारी मांग ली 
रंगों  से   कैसी  दूरी  , हमने  यारी मांग ली-


                                                  उदय वीर सिंह     
     

15 टिप्‍पणियां:

मनोज कुमार ने कहा…

सरसों की पीली रंगत ,लाली गुलाब की ,
सुर्ख होठों ने छीन ली है,आभा पलास की ,
आँचल में मोगरा ,श्यामला की रश्मियाँ ,
सौंदर्य की है सारी ,अलंकारों समास की-
बेहद खूबसूरत पंक्तियां!
हैप्पी होली।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति,बहुत अच्छी अभिव्यक्ति....
उदय जी सपरिवार होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...

RECENT POST...काव्यान्जलि
...रंग रंगीली होली आई,

Anupama Tripathi ने कहा…

सुंदर रचना ...
शुभकामनायें ...

Rakesh Kumar ने कहा…

मिश्री घुली फिजां में महकने लगी हैं गलियां ,
आहट बसन्त आया ,सँवरने लगी है डलियाँ -
रस झरने लगे है कानन कोयल भी ताल में
धानी चुनर में सज निखरने लगी है धनियाँ -

कमाल की भावपूर्ण प्रस्तुति है आपकी.
हर शब्द मोती की सी चमक बिखेर रहा है.
शानदार प्रस्तुति के लिए आभार,उदय जी.

होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.

Kunwar Kusumesh ने कहा…

Sparkling colours of HOLI may paint your life in the way to make you prestigious,honourable and lovable all around.Happy Holi.

रविकर ने कहा…

चले चकल्लस चार-दिन, होली रंग-बहार |
ढर्रा चर्चा का बदल, बदल गई सरकार ||

शुक्रवारीय चर्चा मंच पर--
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति ||

charchamanch.blogspot.com

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

सुन्दर रचना, नवस्येष्टि पर्व की हा्र्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

रंग समेटें अपने अपने..

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

वाह!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
होली का पर्व आपको मंगलमय हो!
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

.

आदरणीय उदयवीर जी,
बहुत सुंदर काव्य रचना आपने होली के उपहार स्वरूप दी है हमें …
आभार !
मेरी ओर से भी मंगलकामनाएं स्वीकार करें

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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥



आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

सुंदर रचना...
होली की शुभकामनाएँ!

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति..होली की हार्दिक शुभकामनायें!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

सरसों की पीली रंगत ,लाली गुलाब की ,
सुर्ख होठों ने छीन ली है,आभा पलास की ,
आँचल में मोगरा ,श्यामला की रश्मियाँ ,
सौंदर्य की है सारी ,अलंकारों समास की-
बेहद खूबसूरत पंक्तियां!
बहुत सुंदर रचना,बेहतरीन प्रस्तुति

RESENT POST...फुहार...फागुन...

Rajput ने कहा…

सायद पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ है .
मन को विभोर कर देने वाली खुबसूरत रचना के इए बधाई

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

सरसों की पीली रंगत ,लाली गुलाब की ,
सुर्ख होठों ने छीन ली है,आभा पलास की ,

दृश्यात्मकता से परिपूर्ण सुन्दर रचना....
होली की हार्दिक शुभकामनायें !