हसरत है देना ख़ुशी आलिमों !
हृदय में ग़मों की रियासत रहे ---------
कर सकें आचमन नेह भीगे नयन ,
मन मंदिर में तेरी विरासत रहे --------
हो चले गम -जदा, तेरी यादों में फिर ,
छोड़ आये जो दर , फिर भी चाहत रहे -------
ना टूटी सलीबों से लटकायिये ,
कुछ मुकद्दर में मेरी, इजाफ़ा तो हो /
चैन से अलविदा कह चलें आपको ,
लौट आने की कोई ना आहट रहे ---------
आस सेमल के फूलों से क्या कीजिये ,
फल लगते नहीं फूल खिलते नहीं /
शुक्रिया आपका भ्रम में जी तो लिया ,
राहें रोशन , अमर ये सियासत रहे -------
उम्र छोटी हो जुल्मों की , तो मांगिये ,
हंस के देंगे , सदा तू सलामत रहे ---------
उदय वीर सिंह
२६/०१/२०११
3 टिप्पणियां:
वाह, यह तो बहुत सुन्दर कविता है..अच्छा लगा यहाँ आकर....'पाखी की दुनिया' में भी आपका स्वागत है .
हसरत है देना ख़ुशी आलिमों !
हृदय में ग़मों की रियासत रहे ---------
कर सकें आचमन नेह भीगे नयन ,
मन मंदिर में तेरी विरासत रहे --------
वाह! बहुत सुन्दर भाव समन्वय्।
आपकी कविता का हर शब्द एक गहरा भाव लिए है ....बहुत सुंदर
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