तेरा आगमन
नए युग का ,
नए प्रभात का ,
नयी रीत का ,
नयी प्रीत का
नयी गीत का ,
शुभ अभिनन्दन ,बंदन तेरा ,
हे देव दूत ,शांति दूत, अग्रदूत !
तेरा दर्शन ---
बहे दया ,करें क्षमां
झरे प्यार ,
बहता रहे --प्रतेक हृदय में , युगों तक /
शलीब की सेज भी प्यारी ,
अगर दे सकें ,प्यार, सृजन
संसार को
इन्सानियत को /
जो तुने दिया /
चल सकें तेरी राह ,कुछ कदम ही सही ,
इंसान बनकर /
उदय वीर सिंह
२५/१२/२०१०
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