आनद के घर बिघ्न आया ,शांति संयम खो गया /
पतझर के घर बसंत आया,ऋतू सुहानी हो गयी
के घर फूल आया,उपवन दीवाना हो गया /
आँखों के घर नेह आया ,अश्रुओं को साथ ले ,
अंक भर के प्रीत रोये गुजरा जमाना हो गया /
गुल ,गुलशन से पूछते मेह क्यों वर्षा नहीं
सरबती आखों सेशायद सावन का आना हो गया/
उदय छेड़ो राग नवल साज में हो कोई ,
रच नव,कृत्य,तज,आक जो पुराना हो गया /
पहार सी उन्चंया पार जाना मुमकिन नहीं ,
बादलों की गोंद से अहसास आना हो गया /
उदय वीर सिंह .
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